क्या मंकी किंग (Monkey king) हनुमना जी के अवतार थे और जानिए हनुमान की पूजा बहार देशों में कैसे की जाती है ।

प्राचीन कहानियां और कुछ पुस्तकें यह बताती हैं कि हनुमान जी का जन्म त्रेता युग के अंत में हुआ था, तकरीबन 1 करोड़ 85 लाख 115 हजार वर्ष पहले मंगलवार के दिन उनका जन्म हुआ। उनका जन्म भारत के अंजन नामक एक छोटे से पहाड़ी गाँव में हुआ। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी शिव जी का ११ वा रुद्रावतार थे। शिव जी ने ये अवतार राम जी की सहायता के लिए पृथ्वी पर लिया था। उनके पिता का नाम "राजा केसरी" और माता का नाम "अंजना" था। उनका अस्त्र "गदा" था। हिन्दू पौराणिक कथाएँ के अनुसार उनका नाम मारुती था। हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार हनुमान जी का वर्णन और उनका चित्र एक विशाल वानर के रूप में दिखाया गया है।

काफी कहानियां है जो बताती है कि हनुमान जी का जन्म राम जी की भक्ति और सहायता के लिए हुआ था। भारत के काफी सारे राज्य यह वर्णन करते हैं, हनुमान जी की पूजा अलग-अलग तरीकों और अलग-अलग समय होती है कुछ राज्यों में कुछ लोग इनकी पूजा व्रत रखकर करते हैं तो कुछ राज्यों में लोग इनकी पूजा फल और फूल चढ़ाकर करते हैं कुछ राज्यों में लोग इनकी पूजा इनके तिलक करके करते हैं तो कुछ राज्य में कुछ लोग इनकी उपन्यासों को पढ़कर इनकी पूजा करते हैं ऐसा ही नहीं बल्कि कुछ राज्यों में इनका जन्म दिवस अलग-अलग समय पर मनाया जाता है कुछ लोग इनका जन्म दिन 40 दिनों के बीच में मनाते हैं तो कुछ लोग इनका जन्म पूर्णिमा की रात को मनाते हैं ऐसे ही भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीकों से इनकी पूजा और इनकी अर्चना की जाती है ऐसे काफी सारे उपन्यास हमारे भारत में मौजूद है जो हमारी सभ्यताओं को दर्शाते हैं हमारे प्राचीन काल की युगो को हम आसानी से आज पढ़ सकते हैं ऐसे ही अनेक उपन्यासों और तौर तरीकों से काफी सारे देश हमारे भारत से प्रभावित हुए है।

अगर हम बात करें भारत के अलावा बाकी देशों की तो ऐसे काफी सारे देश है जो हिंदू देवी देवताओं की पूजा करते हैं हम उदाहरण के तौर पर मलेशिया इंडोनेशिया नेपाल और थाईलैंड का उदाहरण ले सकते हैं यह देश भारत की सभ्यता और विश्वास से आकर्षित होकर भारतीय देवी-देवताओं की पूजा करते हैं मलेशिया जैसे देश में हनुमान जी की काफी बड़ी बड़ी मूर्तियां और काफी बड़े बड़े मंदिर आपको देखने को मिलेंगे ऐसा ही नहीं थाईलैंड और नेपाल में भी इनकी काफी अच्छी तरीके से पूजा की जाती है यह सब भारतीय सभ्यताओं और पौराणिक कथाओं की वजह से संभव हुआ है।

ऐसे कई उपन्यास हमें देखने को मिलते हैं जो दर्शाते हैं कि हनुमान जी शिवजी के अवतार थे उन्हें 11 अवतार इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह त्रेता युग में पैदा हुए थे आज के एक पूर्व उपन्यास रामायण में हमें पढ़ने को मिलेगा कि यह जन्म उन्होंने रामजी के लिए लिया था और शिवजी के अवतार हनुमान की आस्था राम जी के प्रति देखते ही बनती है। 

चीन के एक मुख्य वानर जो "SUN WUKONG" के नाम से जाने जाता है और जिन्हे “Monkey King” के नाम से भी प्रसिद्ध है, शास्त्रीय चीनी उपन्यास "जर्नी टू द वेस्ट" में एक मुख्य किरदार थे। वह भारत से बौद्ध सूत्रों को प्राप्त करने के लिए भिक्षु Xuanzang के साथ आये थे,  Sun Wukong बहुत शक्तिशाली और तेज थे यात्रा में उन्होंने Xuanzang को अन्य बुरी आत्माओं और राक्षसों से बचाया था और सही सलामत अपने देश पहुंचाया था।


कहा जाता है कि उस वानर का वर्णन कुछ चीनी किताबो में किया गया है जिसमें ये भी बताया गया है कि वो वानर हनुमान जी ही थे। भगवान हनुमान का एक वानर जैसा स्वरुप था इसलिए चीनी वानर और हनुमान जी में समानता बताई गयी है। हलके ऐसे कोई पक्का सबूत नहीं जो बताए की हनुमान ही चीनी वानर थे । ऐसी काफी पौराणिक कथाएं हैं जो हमें बताती है कि वह एक मुख्यतः वानर थे और ऐसे काफी युगों में उनका वर्णन किया गया है कि वह एक विशेष मानव और वानर का स्वरुप थे।  इसलिए जब अलग अलग देशों ने अपने प्राचीन काल को दर्शाया तो ऐसे ही चीन ने अध्यन्न किया और ये बताया कि उनके एक पूजे जाने वाले देवता जो बिल्कुल हिंदू समाज के देवता हनुमान जैसे दिखते है और वर्णित है । उन्होंने यह भी बताया कि ये दोनों अलग अलग नहीं एक ही है। चीन के काफी किताबो और उपन्यासों ने बताया कि यह सच है। चीन के प्रसिद्ध विद्वान Xianlin का भी यही मानना है "SUN WUKONG" चीन में हनुमान के ही अवतार थे, परंतु भारत ने इसका विचलित वर्णन आज तक कहीं नहीं किया।

अत: ये साफ है कि हनुमान भगवान एक भारतीय सभ्यता से जुड़े पात्र है जिन्हे काफी सारे उपन्यास और कहानियों में दर्शाया गया है। कहा जाता है कि इन्होंने रामायण में श्री राम के लिए जन्म लिया था। यह उनके सर्वश्रेष्ठ भक्त कहलाए जाते है। इनसे जुड़ी ऐसी हजारों मान्यताएं हमें इनके बारे में बोहोत कुछ बताती है।